पूनम का चांद
मैं उसे छूना नहीं चाहती
मैं उसे जी भर कर देखना चाहती हूं
जैसे देखती हूं
पूनम के चांद को
कितना सुकून है
उसके चेहरे पर
बिलकुल चांदी रात के जैसी
दाग है कहीं कहीं उसके माथे पर
पर फिर भी
बेदाग...
मैं उसे जी भर कर देखना चाहती हूं
जैसे देखती हूं
पूनम के चांद को
कितना सुकून है
उसके चेहरे पर
बिलकुल चांदी रात के जैसी
दाग है कहीं कहीं उसके माथे पर
पर फिर भी
बेदाग...