जानती हूँ,
जानती हूँ,
कम्मी है मुझमे बहुत सी
नहीं किसी कि सुनती हूँ,
जल्दी गुस्सा हो जाती हूँ,
और गुस्से मे पता नहीं
क्या...
कम्मी है मुझमे बहुत सी
नहीं किसी कि सुनती हूँ,
जल्दी गुस्सा हो जाती हूँ,
और गुस्से मे पता नहीं
क्या...