मेरी मज़बूरी न समझना
तुम्हारे कटु कृत्य को भी,
मैं हंस कर सह गया ।
चाहा छोड़ दूं तुम्हें ,
पर प्रीत के मारे रह गया।
करता हूं तुमसे मिलने की कोशिश,
पर इसे मेरी मुझ से दूरी ना समझना ।
मेरे प्यार को तुम मेरी...
मैं हंस कर सह गया ।
चाहा छोड़ दूं तुम्हें ,
पर प्रीत के मारे रह गया।
करता हूं तुमसे मिलने की कोशिश,
पर इसे मेरी मुझ से दूरी ना समझना ।
मेरे प्यार को तुम मेरी...