...

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तेरा भी कुछ तो ख्वाब है
दिल में जो ठहरा सवाल हरदम
ढूंढ जरा क्या जवाब है
जान तु तेरी मंज़िल यहां
तेरा भी कुछ तो ख्वाब है

लाखों हैं दुश्वारियां सफ़र में
पर गिर जाना यूं ना अच्छा है
तुझमें बसा है इमान पूरा
मुसाफ़िर तु भी सच्चा है

बरस रहीं बूंदें आंखों से
पर तन्हाई में ये मुनासिब है
चलना तुझको हरदम होगा
तेरा भी कुछ तो ख्वाब है

फिसल कर जो वक्त गया है
उसे याद रखना ठीक नहीं
बैठें बैठें मिलें सब...