ग़ज़ल
मैं तेरे प्यार के काबिल हो ना सका
तेरी जिंदगी में शामिल हो ना सका
बीच मझधार में ही डूब गई हो जो
उस कश्ती का साहिल हो...
तेरी जिंदगी में शामिल हो ना सका
बीच मझधार में ही डूब गई हो जो
उस कश्ती का साहिल हो...