...

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लगने लगी है अब अकेलापन सा ...!
ऐसा लग रहा है जैसे सब छूट सा रहा है ना जानें
क्यों ये मन टूट सा रहा है...

हूं मैं वहीं खड़ा जहां मैं पहले भी था पर तब ऐसा नहीं
लगता था जैसे अब लग रहा है...

अपनो के बीच होकर भी क्यों मैं अकेलेपन
में भरा जा रहा हूं...

ना बोलने को जी चाहता है
ना कुछ कहने का मन करता है...

बस खुद को खुद मैं ही तलाश करने में खुद को
गम में ढलता जा रहा हूं...!!
balram barik 😔
💔💔