झूम उठती है ये धरती
मैं नहीं बनाऊंगा तुम्हारे लिए ताजमहल,
मैं लाऊंगा तुम्हारे लिए झुमके,
दुनिया में ऐसी कोई भी चीज नहीं जो तुम्हारी बालियों में न समाती...
मैं लाऊंगा तुम्हारे लिए झुमके,
दुनिया में ऐसी कोई भी चीज नहीं जो तुम्हारी बालियों में न समाती...