मेरे हालत में मुकम्मल सबूत है
नफरत के इस दौर में मुझसे मोहब्बत निभाएगा कौन
जिंदगी भर साथ निभाने की जहमत उठाएगा कौन
उसे याद रहे कि मैं अपना घर का एक लौता चिराग हूं
ये चिराग बुझ गया तो मां को ढांढस बढ़ाएगा कौन
मेरी तरह...
जिंदगी भर साथ निभाने की जहमत उठाएगा कौन
उसे याद रहे कि मैं अपना घर का एक लौता चिराग हूं
ये चिराग बुझ गया तो मां को ढांढस बढ़ाएगा कौन
मेरी तरह...