अंध प्यार
ज़िन्दगी के सफ़र में अकेले चल रहा हूं, उसके इंतजार में दीप सा जल रहा हूं ।
आपकी छलक को झरोखा तक रहा हूं,
इक दीदार को पपीहा सा तड़प रहा हूं।
आपकी खातिर दो जहां नष्ट कर रहा हूं,
फिर भी पागलों सा तुम पर मर रहा हूं।
सावन की वर्षा में...
आपकी छलक को झरोखा तक रहा हूं,
इक दीदार को पपीहा सा तड़प रहा हूं।
आपकी खातिर दो जहां नष्ट कर रहा हूं,
फिर भी पागलों सा तुम पर मर रहा हूं।
सावन की वर्षा में...