...

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10 साल पहले
एक दिन यूँ ही
बातों ही बातों में
एक जज्बात उकेरा
लफ्जों के हसीन इरादों में।
"10 साल पहले
मैं ज्यादा जवान थी"
हर दिलकश शहजादों में।
हंसी के फूट पड़े गुबारे थे
जैसे चमकते आँखों में सितारे थे
हमने कहा,
आप तो निहाल करते हो
जो आज भी सच है
क्यों इंकार करते हो?
10 साल पहले भी
आप बेमिसाल थे
आज भी कमाल के दीखते हो।
एक दिन यूँ ही
बातों ही बातों में
एक जज्बात उकेरा
लफ्जों के हसीन इरादों में।


© highratedmaan