अपने या सपने
खड़ा कर दिया जिंदगी ने ना जाने किस मोड़ पर
एक तरफ है तालिया , अपने खड़े दूसरे छोर पर
अगर छोड़ूं मै तालिया तो ना मंजिल दिखाती है
छोड़ने को अपनो को ना मेरी रूह गवाही देती है
एक तरफ़ है वो जिन्होंने सजाये हज़ारों सपने हैं
एक तरफ है खुशिया मेरी एक तरफ मेरे अपने है
एक...
एक तरफ है तालिया , अपने खड़े दूसरे छोर पर
अगर छोड़ूं मै तालिया तो ना मंजिल दिखाती है
छोड़ने को अपनो को ना मेरी रूह गवाही देती है
एक तरफ़ है वो जिन्होंने सजाये हज़ारों सपने हैं
एक तरफ है खुशिया मेरी एक तरफ मेरे अपने है
एक...