...

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हाँ मै ही प्रेम हूं ___
RAAJ PREEET

रख सकोगे गर सम्भाल कर तो एक निशानी हूँ मै
खो गर दोगे मुझे कभी तो बस एक कहानी हूं मै __
मै जल थल बहता सागर हूँ शाँत कोई लहर हूँ मै
हर दिल मे वास है मेरा , प्रेम से भरा शहर हूं मै __
काले बादल उलझे चाँद जैसे अन्धेरे मे वैसे गुम हो जाऊं
मिल सको मुझमे कभी तुम तो मिलकर तुमसे मै तुम हो जाऊं ___
गजल कविता शायरी ममता है मुझमे , पर मुझमे कोई ऐब नही
फरेब नफरतो मे बसते है PREM मे कोई फरेब नही ___
समझ सको तो पुरे संसार मे मुसाफिर हूँ
ना समझ सको तो बस आंखो का पानी हूँ मै
बैठो कभी अकेले तो यही सोचना
कि याद एक पुरानी हूं ___
हाँ मै ही PREM हूँ हवायों मे घुल मिल जाता हूँ
यहाँ पर कोई बंधन नही वहां रहता हूं
नफरतो से कतराता हूँ मै __
मेरा कोई घर नही मेरा कोई शहर नही
हर दिल है बसेरा मेरा मेरा कोई पहर नही __
चाहूँ तो मै बदल दुं जिन्दगी, दिल चाहे तो बना भी दूं
जो न बात समझे प्रेम की उसको बेहतर सजा भी दूं __
कभी RAAJ कभी RAJA , KRISHNA , PREEET
, PREM , RJ , RAJU , LAWARISH
हर जुबां पर नाम सजाया
बाते दिल की सारी लिखने मै फिर से आया
बसकर दिल मे गैरो के एक था दीपक जलाया
अपनायो तो जिन्दगी नही तो एक BLAM हूँ
हाँ मै ही प्रेम हूं ___


© आवारा पागल दीवाना