छोड़ दिया।
मैने उन दरख़तो के पास जाना छोड़ दिया,
उनकी छांव का शामियाना छोड़ दिया।
वो पगडंडी जो बमुश्किल अब आती है नज़र,
उसपे सुबह ओ शाम जाना छोड़ दिया।
गुलों ने जबसे छोड़ा है मेरे बाग को वीरान,
हमने भी खिलना और मुरझाना छोड़ दिया।
जबसे उनके रंगों ने फीकी...
उनकी छांव का शामियाना छोड़ दिया।
वो पगडंडी जो बमुश्किल अब आती है नज़र,
उसपे सुबह ओ शाम जाना छोड़ दिया।
गुलों ने जबसे छोड़ा है मेरे बाग को वीरान,
हमने भी खिलना और मुरझाना छोड़ दिया।
जबसे उनके रंगों ने फीकी...