बढते सफर में छूटते पन्ने
लोग छूटते गए, बातें भूलते गए।
जीवन में आगे बढते गए।।
जब मुडकर देखा पीछे तो काफी कुछ छुटा पाया।
रूख हवा का मोड़ना भी चाहा, वापस उन लम्हों में लौटना चाहा।।
पर ये कुछ ऐसा चाहा जो असंभव पाया।
: खूबसूरत है वो लम्हा जो रह गया बीतने के बाद भी जीवन भर के लिए साथ।
बेशकीमती हैं वो लोग जो रह...
जीवन में आगे बढते गए।।
जब मुडकर देखा पीछे तो काफी कुछ छुटा पाया।
रूख हवा का मोड़ना भी चाहा, वापस उन लम्हों में लौटना चाहा।।
पर ये कुछ ऐसा चाहा जो असंभव पाया।
: खूबसूरत है वो लम्हा जो रह गया बीतने के बाद भी जीवन भर के लिए साथ।
बेशकीमती हैं वो लोग जो रह...