...

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रोशनी
तुम्हारा मेरी गलियों से गुजरना जो हुआ
की रोशन हर एक अंधेरा हो गया

अमावस सी श्याह मेरी जिंदगी में
पूनम के चांद का बसेरा हो गया

में ख्वाब बुनती बिखरती रह गयी
कुछ इस तरह हिकीक़त का सवेरा हो गया

जो होती गुफ़्तगू दो पल की भी दरमियां
तो कह देते मुक़म्मल इश्क़ मेरा हो गया.....



© ख़्वाहिश