तेरा इश्क़ है मुझमें जिंदा सा..
इतना सा कर्ज तू रहने दे,
मुझे दर्द इश्क़ का सहने दे...!
मालूम रहे मुझको, मैं हूं,
मुझको, बस तुझमें पलने दे...!
मैं रंज हवा का झोंका भले,
गलियों से अपनी गुजरने दे..!
कोई हरकत शायद हो जाए,
जी भरकर, जी को भरने दे...!
एहसान तेरा इतना कर दे,
तेरे इश्क़ में मुझको मरने दे...!!
मुझे दर्द इश्क़ का सहने दे...!
मालूम रहे मुझको, मैं हूं,
मुझको, बस तुझमें पलने दे...!
मैं रंज हवा का झोंका भले,
गलियों से अपनी गुजरने दे..!
कोई हरकत शायद हो जाए,
जी भरकर, जी को भरने दे...!
एहसान तेरा इतना कर दे,
तेरे इश्क़ में मुझको मरने दे...!!