...

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kismat
तुमसे मिलना किस्मत में लिखा था,
मगर साथ होना शायद,
किस्मत को भी,
मंज़ूर न था।

किस्मत ने भी देख कितना अच्छा खेल खेला
तुझे मेरा होने ना दिया
ना ही किसी और का

मै कुछ इस कदर हार गई हू
दिल और किस्मत के बीच
मंजिल तो सामने होती है
कमबख्त किस्मत रुख ही बदल देती है

कसूरवार ठहराऊ भी किसको
किसी महान पुरुष ने कहा है
जिनका मिलना किस्मत में नहीं होता
उनसे मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है जनाब।

© khushi Rastogi