...

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सांझ
#सांझ
सांझ को फ़िर निमंत्रण मिला है
दोपहर कल के लिए निकला है
अब उठो तुम है इंतजार किसका
भोर तुम्हारे अनिश्चित लक्ष्य को लेकर निकला है।

© Sudeb Roy