कहने को लफ्ज़ नहीं
कहने को लफ्ज़ नहीं
और भी कुछ बाकी है क्या
वो प्रेम नहीं है मेरा दोस्त
आँखों से बात बता दूँ...
और भी कुछ बाकी है क्या
वो प्रेम नहीं है मेरा दोस्त
आँखों से बात बता दूँ...