...

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"मेरा नसीब "
गुजरा हुआ वक्त वापिस आया है,
लगता है मेरा माज़ी फिर लौट आया है

मरहम लेके बैठे हैं आज वही लोग,
जिन्होंने कल मेरे ज़ख्मो पर नमक लगाया है

आँखों में नमी भी मिलेगी अब तो,
क्योंकि ख़ंजर भी तो दिल में अपनो ने घुसाया है

धड़कने भी मेरी अब बंद होने को है,
लगता है रगो में खून ठंडा होने आया है

कांधा भी कौन देगा मुझे अब यारो,
मेरे अपनों ने जो मुझे जिन्दा जलाया है

दर्द की इन्तेहा शुरू तो अब हुई है,
जब मेरा नसीब ही मेरा दुश्मन, मेरा कातिल बनके आया है

गुजरा हुआ वक्त वापिस आया है,
लगता है मेरा माज़ी फिर लौट आया है |

© @missrain

#poetry #painfulmemories #life #love
#Fate