तुम बिल्कुल जुलाई की बरसात जैसी हो
पेड़ों से टपकती बूंद, खामोश रात जैसी हो
तुम बिल्कुल, जुलाई की बरसात जैसी हो
कोरे कागज़ पर लिखा दिल खोल कर मैंने
तुम हुबहू उसी खत पे लिखी बात जैसी हो
मन में मचल उठते हैं,कई भाव तुम्हें देख के
गरजते बादल संग यादों की बारात जैसी हो
बाहर हंसी मौसम है, तूफान छुपाया है अंदर
खुबसूरत नकाब पहने जोकर जात जैसी हो
🤡
#rain #mausam #barsaat #WritcoQuote
© Dr. Joker
तुम बिल्कुल, जुलाई की बरसात जैसी हो
कोरे कागज़ पर लिखा दिल खोल कर मैंने
तुम हुबहू उसी खत पे लिखी बात जैसी हो
मन में मचल उठते हैं,कई भाव तुम्हें देख के
गरजते बादल संग यादों की बारात जैसी हो
बाहर हंसी मौसम है, तूफान छुपाया है अंदर
खुबसूरत नकाब पहने जोकर जात जैसी हो
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