अस्तित्व
जीवनधारा के बहाव में ...
भाग्य और कर्म के टकराव में,
मेरा अस्तित्व धुंधला होता गया !
विकट राहो के पथराव में ...
आशा किरणों के बिखराव में,
मेरा अस्तित्व धुंधला होता गया !!
सही निर्णयो के अभाव में...
उमंगों के ठहराव में ,
मेरा अस्तित्व धुंधला होता गया!!
भाग्य और कर्म के टकराव में,
मेरा अस्तित्व धुंधला होता गया !
विकट राहो के पथराव में ...
आशा किरणों के बिखराव में,
मेरा अस्तित्व धुंधला होता गया !!
सही निर्णयो के अभाव में...
उमंगों के ठहराव में ,
मेरा अस्तित्व धुंधला होता गया!!
Related Stories