हाय राम फिर से आई ९वीं जूलाई।
हाय राम फिर आई ९वीं जूलाई,
आँखें भीगाने को,
तुम्हारी यादों में डूबाने को।
काहे को तुमने इतनी जल्दी दुनिया से ले ली विदाई,
इस चिंतन से 'कल्याणी' को एक कारण दिया दिखाई,
इसमें तुम्हारी कोई भूल नहीं है भाई,
जगत के संहारक ने...
आँखें भीगाने को,
तुम्हारी यादों में डूबाने को।
काहे को तुमने इतनी जल्दी दुनिया से ले ली विदाई,
इस चिंतन से 'कल्याणी' को एक कारण दिया दिखाई,
इसमें तुम्हारी कोई भूल नहीं है भाई,
जगत के संहारक ने...