✍️ लिखना नही छोड़ सकता ✍️
मुझे मेरे पैरों के कट जाने का खौफ हैं
रात मैं कभी मैं पूरा बिस्तर नही ओढ़ सकता
मुझे मेरे फैंसले बदल लेने का मलाल नहीं है
पर मैं तेरे फैंसले भी तो नही मोड़ सकता
एक रिश्ता बन गया है मेरा कागज कलम स्याही से
कह देता हूं लेकिन मैं ये रिश्ता नही तोड़ सकता
मैं पेश ए नजर कर दूंगा टूटी फूटी नज्मों को
लेकिन तेरी ख्वाहिशों को तरोड़ मरोड़ नही सकता
यकीन नही तेरा तू मुझे कब छोड़ तन्हा दे
उसके बाद ??
माफ करना 🙏🏻
मैं लिखना नही छोड़ सकता ✍️
© दीप
रात मैं कभी मैं पूरा बिस्तर नही ओढ़ सकता
मुझे मेरे फैंसले बदल लेने का मलाल नहीं है
पर मैं तेरे फैंसले भी तो नही मोड़ सकता
एक रिश्ता बन गया है मेरा कागज कलम स्याही से
कह देता हूं लेकिन मैं ये रिश्ता नही तोड़ सकता
मैं पेश ए नजर कर दूंगा टूटी फूटी नज्मों को
लेकिन तेरी ख्वाहिशों को तरोड़ मरोड़ नही सकता
यकीन नही तेरा तू मुझे कब छोड़ तन्हा दे
उसके बाद ??
माफ करना 🙏🏻
मैं लिखना नही छोड़ सकता ✍️
© दीप