आवारा हूँ
जाना है मैंने खुद को जब से
पाया है अकेला खुद को तब से
चाहा है मैंने तुझको जब से
तड़पा हूँ मैं हमेशा ही तब से
उम्मीदों के आशियाने बनाए मैंने जब से
बेघर सा हो...
पाया है अकेला खुद को तब से
चाहा है मैंने तुझको जब से
तड़पा हूँ मैं हमेशा ही तब से
उम्मीदों के आशियाने बनाए मैंने जब से
बेघर सा हो...