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मैं ख़ुद एक आईना
#Reflectionमैं ख़ुद एक आईना हूँ,
मुझे परखने के लिए,
किसी तजुर्बे की जरूरत नहीं।
मैं ख़ुद एक खुली किताब हूँ,
मुझे समझने के लिए,
पन्ना पलटने की जरूरत नहीं।
मैं ख़ुद एक खुला द्वार हूँ,
मेरे दर पे आने के लिए,
किसी शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं।
मैं ख़ुद तुम में विलीन हूँ,
मुझे ढूंढने के लिए,
कही तुम्हें भटकने की जरूरत नहीं।
मुझे परखने के लिए,
किसी तजुर्बे की जरूरत नहीं।
मैं ख़ुद एक खुली किताब हूँ,
मुझे समझने के लिए,
पन्ना पलटने की जरूरत नहीं।
मैं ख़ुद एक खुला द्वार हूँ,
मेरे दर पे आने के लिए,
किसी शुभ मुहूर्त की जरूरत नहीं।
मैं ख़ुद तुम में विलीन हूँ,
मुझे ढूंढने के लिए,
कही तुम्हें भटकने की जरूरत नहीं।
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