नहीं आते..
हमें ग़ज़लें तो आती हैं तराने पर नहीं आते !
हैं क़िस्से तो बहुत हम पर सुनाने पर नहीं आते !
इसी डर से हैं मिलते हर किसी से फ़ासलों से हम
बना सकते हैं हम रिश्ते निभाने पर नहीं आते !
फ़िदा हर एक इंसाँ है मिरी बस एक मुस्काँ पर
मिरे महबूब ही मुझ को लुभाने पर नहीं आते !
हक़ीक़त की तो आदत है हमेशा ही रुलाने की
हमें तो ख़्वाब भी झूठे हँसाने पर नहीं आते !
वो पैमाने जो आँखों से किसी की याद में छलके
तजुर्बे लाख हो हासिल छुपाने पर नहीं आते !
भुला बैठा जिन्हें है वक़्त भी अब वक़्त के चलते
'परस्तिश'आज भी तुमको भुलाने पर नहीं आते !
© parastish
#writco #WritcoQuote #yourquote #poojaagarwal #parastish #ghazal #sher #Shayari
हैं क़िस्से तो बहुत हम पर सुनाने पर नहीं आते !
इसी डर से हैं मिलते हर किसी से फ़ासलों से हम
बना सकते हैं हम रिश्ते निभाने पर नहीं आते !
फ़िदा हर एक इंसाँ है मिरी बस एक मुस्काँ पर
मिरे महबूब ही मुझ को लुभाने पर नहीं आते !
हक़ीक़त की तो आदत है हमेशा ही रुलाने की
हमें तो ख़्वाब भी झूठे हँसाने पर नहीं आते !
वो पैमाने जो आँखों से किसी की याद में छलके
तजुर्बे लाख हो हासिल छुपाने पर नहीं आते !
भुला बैठा जिन्हें है वक़्त भी अब वक़्त के चलते
'परस्तिश'आज भी तुमको भुलाने पर नहीं आते !
© parastish
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