100 कोस की दूरी भी नहीं अब दूरी लगती है
100 कोस की दूरी भी
नहीं अब दूरी लगती है
उसके बिन अपना सपना
अधूरी - अधूरी सी लगती है
100 कोस,,,,,
दिल की तार जूटी है जब से उनसे
न उसमें ऐब, न खामी लगती है
उसकी मैं दीवाना
वह मेरी दीवानी लगती है
100 कोस,,,,,
चुमता हूं उसको
वह शख्स कमजोरी...
नहीं अब दूरी लगती है
उसके बिन अपना सपना
अधूरी - अधूरी सी लगती है
100 कोस,,,,,
दिल की तार जूटी है जब से उनसे
न उसमें ऐब, न खामी लगती है
उसकी मैं दीवाना
वह मेरी दीवानी लगती है
100 कोस,,,,,
चुमता हूं उसको
वह शख्स कमजोरी...