...

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कुछ समय से

कुछ समय से ये
अनिश्चित फाँसला
यूँ ही ज़हर सा
हो गया है।

बार बार, हर बार
एक ही रट लगा रखी है,
आखिर क्यों सब कुछ
बदला बदला सा
महसूस होने लगा है।

इरादों की दाल में भी
कुछ काला नहीं था,
फिर भी अपना कोई आज
अनजान सा लगने लगा है।

कुछ समय से ये
अनिश्चित फाँसला
यूँ ही ज़हर सा
हो गया है।

ना हवेली की चाबी है,
ना ही रखवाल की उपाधी है,
रखवाली करने का ठेका
फिर क्यों मैंने उठाया है?
मलकाइन ने भी बालकनी से
आवाजे लगाना अब
बन्द कर दिया है

कुछ समय से ये
अनिश्चित फाँसला
यूँ ही ज़हर सा
हो गया है।

हर रात का वो सफर था,
चाय की चुस्कियों पे
चर्चा का होना अब
बन्द हो गया
फ़ोन का बजना भी
बंद हो गया है।

कुछ समय से ये
अनिश्चित फाँसला
यूँ ही ज़हर सा
हो गया है।

बुलबुल सी कायनात ना जाने
कहाँ नज़रबंद हो गयी है
लुई को अब ये खटकने लगा है,
लुई बेवजह जरूरत से ज्यादा सोचने लगा है।

कुछ समय से ये
अनिश्चित फाँसला
यूँ ही ज़हर सा
हो गया है।
© Kunba_The Hellish Vision Show