मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी मुझे एक
बेजान खिलौना समझ
तोड़ मरोड़ रही है ....
शायद वो मुझ से खेल
रही है ...........
मै रोशन होना चाहती
हूं किसी जुगनू की तरह
ना जाने फिर क्यू?
वो मुझे अंधेरे में धकेल
रही है ........
मेरी जिंदगी...
बेजान खिलौना समझ
तोड़ मरोड़ रही है ....
शायद वो मुझ से खेल
रही है ...........
मै रोशन होना चाहती
हूं किसी जुगनू की तरह
ना जाने फिर क्यू?
वो मुझे अंधेरे में धकेल
रही है ........
मेरी जिंदगी...