...

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सफर
मेरा तो सफर भी तू
और मंज़िल भी तू है
मेरी तो ज़िन्दगी भी तू
और सांसे भी तू है
हूँ इस सफर मे तन्हा
साथ हो कर भी
तू साथ नही है
सामने तू है पर
फिर भी तेरी ही तलाश है
सुबह की धुप के साथ
चलता हूँ तेरी तलाश मे
तन्हा से " चाँदनी " के संग
घर लौट आता हूँ
जहाँ से सफर शुरू करता हूँ
खाली हाथ फिर वहीँ
रहे जाता हूँ।
(चाँदनी ) sangeeta verma

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