...

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सावन में हरियाली
मौसम यूं बदला है जैसे
बसंत की हुई क्रीड़ाएं ।

सावन का आगाज हो गया
मिटेगी जल की विपदाएं।

जगह जगह हरियाली होगी
ठण्डी ठण्डी पछुआएं।

रिमझिम रिमझिम वर्षा होगी
मेरी भी इस चौखट पर।

नये नये पौधे होंगे खुशियां होगी
हरियल पर्वत पर।

घर खेत खलिहान समृद्ध उन्नत
धरती पुत्र प्रसन्न होंवे।

खुशियों का महीना है सावन
देव धरा पर रमण करें।


© जितेन्द्र कुमार 'सरकार'