गाँव Vs शहर
तेरी बुराइयों को हर अखब़ार कहता है,
और तू मेरे गाँव को गंवार कहता है ।
ऐ शहर मुझे तेरी औकात पता है,
तू चुल्लू भर पानी को Water Park कहता है ।
थक गया हर शख्स यहां काम करते-करते,
तू इसे अमीरी का बाजार कहता है ।
चलो गाँव मेरे ,वक्त ही वक़्त है सबके पास ;
तेरी सारी फुर्सत तेरा इतवार कहता है ।
मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए...
और तू मेरे गाँव को गंवार कहता है ।
ऐ शहर मुझे तेरी औकात पता है,
तू चुल्लू भर पानी को Water Park कहता है ।
थक गया हर शख्स यहां काम करते-करते,
तू इसे अमीरी का बाजार कहता है ।
चलो गाँव मेरे ,वक्त ही वक़्त है सबके पास ;
तेरी सारी फुर्सत तेरा इतवार कहता है ।
मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए...