...

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यादें तेरी मेरी
क्या खूब यादें है हमारी
बेपनाह रातों सी बातें है हमारी

कभी तुम रूठे तो हम मनाते
कभी हम रूठे तो तुम मनाते

ये सिलसिला भी मोहब्बत का खूब था बिछाया
रातों में संग साथ साजोय वो सपने

अपनी ही बातें अपनी ही कहानी
लिख कर अपने अल्फाजो को जो पिरोया

है हम जान एक दूसरे के दिलो में
पर अपने इस दुनिया में खुशियां को है सजोया

कभी तुम सताती कभी हम सताते
कुछ यूं है अपनी दास्तां ये प्यारी

कभी खुद को सताते कभी तुमको रुलाते
कभी प्यार से अपनी बाहों में सुलाते

मेरे हर बातो में है ज़िक्र तुम्हारा
तुम्हारी हर ज़िक्र में है पहरा मेरा

मैं एक सीधा सा लड़का
और तुम एक नटखट सी लड़की

मिले जब हम आमने सामने
एक मुस्कुराहट में खुद को समेटे

है अटखेली ये प्यार की बोली
अपनी नन्ही सी ये दिल की जुबानी