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मनमर्जिया
जब जब मन अशांत, चंचल हुआ , खुशी से झूम उठा, यादों में बेताब हुआ, प्रेम में बेकरार हुआ, इंतजार अधीर हुआ तब तब मन की गहराई में छुपी असीम भावनाओं से लिखी हुई कविता, गजलों संकलन है मेरी यह पुस्तक "मनमर्जियां"।

प्रस्तुत पुस्तक में आपको प्रेम में पागल प्रेमिका, विरहा में व्याकुल राधिका, प्रेम आराध्य की साधिका, यादों में खोई हुई योगिता, निश्छल मन से प्रेम करती सेविका मिलेगी। आशा करती हूं आपको ये रचनाएं जरूर पसंद आएगी।

धन्यवाद

आपकी
सौ. रश्मी कौलवार