इनके लिए मैं क्या लिखू
#father's Day special
पापा के लिए मैं क्या लिखू,
उन्हीं के लिखे हुए हम हैं।
उनके लिए कुछ लिख दूँ,
मेरी लेखनी में कहाँ दम है।।
पापा शब्द को सुनकर ही,
अलग सुकून मिलती है।
पापा धूप में तपते हैं,
तभी हमें खुशी मिलती है।।
पापा तो वो आसमान हैं,
जिनके नीचे हम रहते है।
पापा के ना होने से,
हम सब में पीछे रहते हैं।।
✍️ कंगना मिश्रा
© copy right
@incredible_forever
#fathersday2021
#likeforlikes
पापा के लिए मैं क्या लिखू,
उन्हीं के लिखे हुए हम हैं।
उनके लिए कुछ लिख दूँ,
मेरी लेखनी में कहाँ दम है।।
पापा शब्द को सुनकर ही,
अलग सुकून मिलती है।
पापा धूप में तपते हैं,
तभी हमें खुशी मिलती है।।
पापा तो वो आसमान हैं,
जिनके नीचे हम रहते है।
पापा के ना होने से,
हम सब में पीछे रहते हैं।।
✍️ कंगना मिश्रा
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