...

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शिकवा
शिकवा करें तुमसे,
या करें मोहोब्बत में गिला?
तमाम उम्र कर ना सकी,
जो तुम इश्क़ में वफ़ा, कोई सिला!

अब फकत मरने को दिल चाहता है,
आराम नहीं मिलता,अब तुम्हारी गलियों में
अब वोह बात ना रही, चाँद सितारों में,
ना बात रही, उन फूल और कलियों में!

हैरान हो जाते है, यह सोच कर
इश्क में हमने क्या 💬 जिया?
हम तो दिल, जान, रूह, ईमान
सब दे ही चुके थे, तुम्हें अपना
कमब्खत! तुमने हमें जो दिया,
तो क्या 🤔 दिया...?

विशाल शर्मा