...

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उम्मीदों की किरण
रुको क्यों हिम्मत हारते हो तुम बीच रास्ते में कदम क्यों मोड़ते हो तुम
मंजिल दूर है तो क्या हुआ
क्यों निराश होते हो तुम
रास्ते मिलेंगे तुम्हे पथरीला
रुकावटों के जंजीरों से भरा हुआ
तुम्हे चलना है आगे उसी पथ पर
क्यों खुद में कमियाँ ढूँढते हो तुम
सोचो आगे बढ़ना है तम्हें
जीवन में कुछ करना है तुम्हे
लोगों से भरी इस भीड़ का
निकलकर जीतना है तम्हें
तुम्हारी मंजिल बैठी है तुम्हारे इन्तजार में
उम्मीदों के किरण संजोये हुए
हर माँ की दुआयें हमेशा कहती है
सफलता मिलेगी तम्हें

© ~♡Purnima♤