...

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आग( Fire)
सुना है आग सब कुछ जला देती है
सोचा आग से ही क्यों न पूछा जाए और निकल पड़ा आग को ढूंढने
रसोई घर के चूल्हे की आग से पूछा तो वो बोली मैं भूख जला देती हूं
आंगन में जलते दीए की आग से पूछा तो बोली मैं नाउम्मीदी जला देती हूं
होली की आग ने कहा मैं अहंकार जला देती हूं
लोहड़ी की आग ने कहा मैं उदासी जला देती हूं
कुछ आगे चला तो सड़क के किनारे मिली क्रोध की आग, गुस्से में बोली मैं रिश्ते जला देती हूं
फिर मिली मायूसी की आग, धीमे से बोली मैं अरमान जला देती हूं
वहीं पास में एक इंसान में दिखी जनून की आग, बोली मैं सब्र जला देती हूं
फिर वहां चुपके से दीवार के पीछे से देखती नजर आई ईर्ष्या की आग, बोली मैं इंसान की आत्मा जला देती हूं
उदासी से भरा, आग को कोसता घर पहुंचा, और सोचा कितनी बुरी है ये आग, तो कोने में पड़ी किताब में से ज्ञान की आग बोली, मैं सारे भ्रम जला देती हूं।
© The heart bones