Shayari on rape victims (women)
खून से सने ओठो पर ,
रह गए कुछ लव्ज़ के निशान,
खून से सने उन ओठो पर,
रह गए कुछ लव्ज़ के निशान,
सपने देखे तो बहुत थे,
मगर पूरा करने से पहले हो गए बेज़ुबान,
ऐ दुनिया वालों ,
नही समझ पाओगे वो सपनों के टूटने का गम,
मगर ये तो समझो,
की लड़की हुई तो क्या हुआ,
थी तो वो भी अपने माँ -बाप की जान।
रह गए कुछ लव्ज़ के निशान,
खून से सने उन ओठो पर,
रह गए कुछ लव्ज़ के निशान,
सपने देखे तो बहुत थे,
मगर पूरा करने से पहले हो गए बेज़ुबान,
ऐ दुनिया वालों ,
नही समझ पाओगे वो सपनों के टूटने का गम,
मगर ये तो समझो,
की लड़की हुई तो क्या हुआ,
थी तो वो भी अपने माँ -बाप की जान।