मेरी ज़िंदगी...
तुम्हें ज्यादा गौर से देखता हूँ तो...
....आंखे भर आती हैं!
और तुम फिर चिंतित हो कर पुछती हो-"क्या हुआ?"
और मैं कह देता हूँ - "कुछ नही!"
उस "कुछ नही" कि...
....आंखे भर आती हैं!
और तुम फिर चिंतित हो कर पुछती हो-"क्या हुआ?"
और मैं कह देता हूँ - "कुछ नही!"
उस "कुछ नही" कि...