शिकवा नहीं
बहुत बार ज़िन्दगी ने मेरे इम्तिहान लिए है
कितनी ही दफ़ा अश्क़ मुझे सरेआम दिए है
बेशक़ जो भी हुआ फ़िर फ़ायदा मुझकों हीं मिला
तड़पाया जितना भी मुझें उतने ही आराम दिए है
शिकवा नहीं जिस्त...
कितनी ही दफ़ा अश्क़ मुझे सरेआम दिए है
बेशक़ जो भी हुआ फ़िर फ़ायदा मुझकों हीं मिला
तड़पाया जितना भी मुझें उतने ही आराम दिए है
शिकवा नहीं जिस्त...