...

11 views

"शायरों का ख़्याल "
कभी कलियों-सी मुस्कान तेरी,
कभी किरणों-सा दमकता चेहरा।
हर मर्तबा घायल कर जाये ,
ये तेरा रूप सुनहरा।
तू किसी शायर की ग़ज़ल है,
या किसी टुटे दिल का ख़्याल ।
मांगी हुई दुआ है, ख़ुदा की नेमत है तु,
बिखरा पड़ा हूं मैं , संवरी हुई है तु।
नायाब-सी ये मासूमियत, है यह बेमिसाल,
तू किसी शायर की ग़ज़ल है,
या किसी टुटे दिल का ख़्याल।।
© Ranगीला🌺