...

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शबरी के राम
मैं दुखियारी रो रो हारी
तुमने सुनी ना अरज हमारी
राम...... मेरे राम!

कब आओगे मेरे द्वारे,
रो रो नैना अब गए हारे,
माता कब से तुम्हें पुकारे,
तात! मेरे अब आओ द्वारे।

सुनु सुकुमार मम वचन निहोरे,
तुम बिन कौन हरे दुःख मोरे,
आवत दिखी नहीं कोई निसानी,
मैं पातकी, अधम, अग्यानी।

तुमने नाथ अहिल्या तारी,
कब आएगी मेरी बारी
तुम्हें पुकारे माता तिहारी,
अब तो सुन लो अरज हमारी।
राम...... मेरे राम!