...

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वेग दिखाऊँगा
है कठिन राह, है ज्ञात मुझे,
पर मैं तो वेग दिखाऊँगा|
अपने मन की एक आशा से,
ख़ुद में एक दीप जलाऊँगा||
न रोक सके पर्वत मुझको,
मैं लंबा छलांग लगाऊंगा|
गिरि को मैं लांग, सपनों को बांध,
मैं पूर्ण प्रयाश कर जाऊंगा|
मैं अपना वेग दिखाऊँगा||
नदियों को चिर, तर जाऊँ निर्,
हर मुश्किल से जाऊँ मैं भीड़|
ख़ुद को तलाश, ख़ुद को तराश|
मैं अपना वेग दिखाऊँगा||
©आकाश वर्मा
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