मेढ़क दादा
मेढ़क दादा ,मेढ़क दादा ,उछल उछल कर कहाँ चले ।
हमको भी ले चलो साथ ,अकेले अकेले कहाँ चले।।
गुस्सा होकर बैठी है हमारी प्यारी मेढ़क दादी।
सुबह से ना कुछ खाया पिया ,सेहत गिर गई उनकी आधी।।
चलो अब गुस्से को छोड़ो,चलो चले दादी के पास।
जब तक नही जाओगे घर ,हम नही बोलेगे आप के साथ ।।
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हमको भी ले चलो साथ ,अकेले अकेले कहाँ चले।।
गुस्सा होकर बैठी है हमारी प्यारी मेढ़क दादी।
सुबह से ना कुछ खाया पिया ,सेहत गिर गई उनकी आधी।।
चलो अब गुस्से को छोड़ो,चलो चले दादी के पास।
जब तक नही जाओगे घर ,हम नही बोलेगे आप के साथ ।।
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