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कुछ बातें होतीं हैं फूलों सी...
कुछ बातें होतीं हैं
फूलों सी,
जिनकी यादें भी
महकती हैं ताउम्र
भीनी-भीनी...
मुरझा न जाये
लफ्ज़-लफ्ज़
बिख़र न जायें एहसास
दिल की किताब में
सहेजकर रखिए,
ख़ुशियाँ बढ़तीं हैं कई गुनी..
दस्तक दे जाये
कभी ग़म के साये..
फूल सी हैं लेक़िन ये बातें
ही जीवन के पतझड़ में
ढाँढ़स बंधाये...
फूलों सी,
जिनकी यादें भी
महकती हैं ताउम्र
भीनी-भीनी...
मुरझा न जाये
लफ्ज़-लफ्ज़
बिख़र न जायें एहसास
दिल की किताब में
सहेजकर रखिए,
ख़ुशियाँ बढ़तीं हैं कई गुनी..
दस्तक दे जाये
कभी ग़म के साये..
फूल सी हैं लेक़िन ये बातें
ही जीवन के पतझड़ में
ढाँढ़स बंधाये...
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