...

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पिता से है आन मेरी

पिता से है आन मेरी
पिता से है पहचान मेरी
जितने भी है अरमान मेरी
पिता से है ये आस मेरी !
जीवन की कठिनाईयों से लड़ने की राह दिखाता है
हो कभी अकेला मन मेरा
बच्चों की तरह खिलाता है
है यही आज ये आस मेरी
पिता जो चाहे कर के दिखाना है
है यही आज ये आस मेरी
पिता जो मांगे अपने वजूद से लड़ के लाना है।

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