कौन है वो शख़्स?
कहीं भी रहने के क़ाबिल है वो शख़्स
जो भीड़ में भी अकेले रहना जानता है।
उससे आंखें तक नहीं मिला पाते लोग
जो कड़वा सच मुँह पर कहना जानता है।
किसकी औकात है उसे दुःखी करदे
जो खुशी-गम में 'सम' रहना जानता है।
बताओ वो किसका बुरा चाहेगा
जो दुश्मन को भी 'हम' कहना जानता है।
हर किसी से प्रेम ही करता है वो शख़्स
जो गुस्सा पीकर नम रहना जानता है।
© VK
जो भीड़ में भी अकेले रहना जानता है।
उससे आंखें तक नहीं मिला पाते लोग
जो कड़वा सच मुँह पर कहना जानता है।
किसकी औकात है उसे दुःखी करदे
जो खुशी-गम में 'सम' रहना जानता है।
बताओ वो किसका बुरा चाहेगा
जो दुश्मन को भी 'हम' कहना जानता है।
हर किसी से प्रेम ही करता है वो शख़्स
जो गुस्सा पीकर नम रहना जानता है।
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