।।अनंत सत्ता।।
प्रचंड है रूप तेरा,
पापी थर थर कांपे है,
जग का विलय तुझसे,
वासुकी जग को नापे है,
असुर देवता सम्मान करे
मंथन विष का पान करे।
शिव शक्ति का मिलित है,
जगत तब ही चालित है।
सृष्टि का...
पापी थर थर कांपे है,
जग का विलय तुझसे,
वासुकी जग को नापे है,
असुर देवता सम्मान करे
मंथन विष का पान करे।
शिव शक्ति का मिलित है,
जगत तब ही चालित है।
सृष्टि का...